अयोध्या विश्व की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक नगरी : स्वामी चिदानन्द सरस्वती

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ऋषिकेश/अयोध्या। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती अमेरिका से सीधे अयोध्या पधारे। उन्होंने कहा कि अयोध्या ही नहीं पूरी मानवता प्रभु श्री राम का अभिनन्दन करने के लिये उत्सुक है।
प्रभु श्री राम ने सनातनियों की विनती सुनी। वर्तमान समय में न केवल भारत बल्कि पूरा विश्व श्रीराममय दिखायी दे रहा है। अमेरिका सहित विश्व के कई देशों की यात्रा के पश्चात पधारे स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सभी उत्सुकतावश यही कह रहे थे कि आप अयोध्या जा रहे हैं। इस समय श्री राम की गंूज और धुन चारों ओर है।
स्वामी जी ने कहा कि यह परिवर्तन की वेला है; ये पवित्रता की वेला है जिसका श्रेय भारत के यशस्वी, ऊर्जावान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय भारत का है। विगत दस वर्षों को देखंे केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व इसका गुणगान कर रहा है। भारत ने विश्व मानचित्र पर एक विशिष्ट स्थान बनाया है। 45 वर्ष पहले मैने देखा अमेरिका में भारत, भारत की छवि और भारत संस्कृति कहां थी और आज अमेरिका व अन्य देशों में भारत भी है, भारत की संस्कृति भी है और भारत की उत्कृष्ट छवि भी है।
उन्होंने कहा कि जैसे ही मैं अयोध्या पहुंचा, अयोध्या में सनातन की दिव्य लहर है। चारों ओर उत्साह व उमंग है। पांच सौ वर्षों की पीड़ा आज प्रेरणा में बदल रही है। यह धैर्य, धीरज और प्रतीक्षा का अमर फल है। अयोध्या में अब सूना-सूना नहीं बल्कि सब सोना-सोना हो गया है अब तो लगता है पूरे भारत की तकदीर बदलने वाली है। श्री रामलला वर्षों तक टाट के नीचे विराजमान रहे, उन्होंने सभी को आज़ाद कराया, आबाद कराया आज वह दिव्य घड़ी आयी हैं, वर्षों से साधना, मौन, तपस्या कर रहे महात्माओं का मौन से मुखर होने का समय आ गया है।

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