नैनीताल। सुप्रीम कोर्ट के सख्त रूख के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट में 26 अक्टूबर 2023 से रिक्त चल रहे मुख्य न्यायाधीश के पद पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की वरिष्ठ न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के अधिसूचना जारी कर दी गई।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड हाई कोर्ट के लिए कोलोजियम ने न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी की सिफारिश की थी। से उत्तराखण्ड हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी खाली थी। कोलोजियम की सिफारिश के बावजूद करीब करीब 4 महीनों तक मोदी सरकार ने इस मामले को लंबित रखा। उत्तराखण्ड हाई कोर्ट में पहले से ही न्यायमूर्तियों की कमी चल रही है , जिस वजह से काफी सारे मामले लंबित चल रहे हैं ।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे छोटे और शांत राज्य में जजों की कमी की वजह से मामले लंबित चल रहे हैं, और मोदी सरकार जजों की नियुक्ति के लिए कतई भी गंभीर नहीं है, और इसमें खास बात यह है कि कुल मामलों में से आधे मामले बनाम सरकार होते हैं। भाजपा सरकार ना तो प्रशासनिक दृष्टि से काम कर पा रही है, और अन्याय होने की वजह से व्यथित व्यक्ति जब माननीय कोर्ट जा रहा है, तो न्यायमूर्तियों के पद खाली होने की वजह से उसको मिलने वाले न्याय में भी दिक्कतें पैदा हो रही है।
एडवोकेट जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड में पीसीएस अधिकारियों को न्याय प्राप्त करने में 12 साल से भी अधिक समय लगा और वह भी सुप्रीम कोर्ट में जब अवमानना याचिका दायर की, तब भाजपा सरकार को सुद आई और उनको न्याय प्राप्त हुआ। ऐसे में उत्तराखण्ड में आम आदमी किस बिना पर न्याय के भरोसे है यह मोदी सरकार बताये।